Daridra Yoga: हमारे जीवन में कई ऐसे योग होते हैं जो हमको शुभ फल प्रदान करते हैं. जिससे हमे जीवन में यश, एश्वर्य, क्रीति मिलती है. लेकिन कई ग्रह या योग ऐसे होते हैं जो हमें दरिद्र बना देते हैं. इसका अर्थ है आप राजा से सीधा भिखारी बन सकते हैं. आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. आप के बने बनाए सभी काम बिगड़ने लगते हैं.

ऐसे योग को दरिद्र योग कहते हैं. जब आपकी समस्याएं खत्म होने का नाम ना लें, जब आपका मान, सम्मान, धन इन सबसे नाम खराब होने लगे तो समझे आप पर दरिद्र योग है. ऐसा माना जाता है कि जिस जातक की कुंडली में ग्यारहवें भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो तो ऐसी कुंडली में दरिद्र योग बनता है.

जब कोई शिशु जन्म लेता है तो उस समय उस बच्चे के कुंडली में कई योग बनते हैं. उस योग का असर उस बच्चे के जीवन पर पड़ता है. जिसके हिसाब से उसको फल मिलता है. शुभ योग हो तो उसको जीवन में खूब तरक्की मिलती है वहीं अशुभ योग हो तो जिंदगी में दिक्कतें आती हैं.

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कब बनता है दरिद्र योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में दरिद्र योग तब बनता है जब शुभ ग्रह किसी अशुभ ग्रह के संपर्क में आ जाता है. देव गुरु बृहस्पति 6 से 12वें भाव में बैठे हो, तो भी कुंडली में दरिद्र योग बन जाता है. इसके अलावा कुंडली में जब शुभ योग केंद्र में हो और धन भाव में पापी ग्रह बैठा हो तब दरिद्र योग का निर्माण होता है. कुंडली में दरिद्र योग हो तो कुछ उपाय करके इनके प्रभाव से बचा जा सकता है.

कैसे बचें दरिद्र योग से

  • जातकों को हमेशा अपने माता-पिता और जीवन साथी का सम्मान करना चाहिए.
  • जिन पर दरिद्र योग है उन लोगों को गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना चाहिए.
  • गीता के 11 अध्याय का पाठ करें.
  • तीन धातु का कड़ा या छल्ला पहनें.

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