Delhi News: यमुना के जल स्तर में कमी और राजधानी दिल्ली में बाढ़ के पानी के उतरने के बाद लोगों के साथ दिल्ली सरकार ने भी राहत की सांस ली है. अब सरकार और अधिकारियों का ध्यान जन-जीवन को सामान्य कर व्यवस्थाओं की बहाली पर है. इस बात को सुनिश्चित करने के लिए यमुना गाद को हटा कर सफाई कार्रवाई जा रही है, तो वहीं रुके हुए पानी को मशीनों की सहायता से बाहर निकाला जा रहा है. साथ ही सड़कों को भी साफ कर यातायात को सामान्य रूप से बहाल करने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा राहत शिविरों में मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा सरकार और उनके नुमाईंदे ले रहे हैं.

दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि जन-सुविधा के कार्यों की शुरुआत और राहत शिविरों में रहने वाले लोगों का हाल लेना सरकार ने शुरू तो किया, लेकिन देर से. जब राहत शिविरों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों को मदद और चिकित्सा की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तो उस वक्त इनकी सुध लेने कोई भी इनके पास नहीं पहुंचा. मयूर विहार फेज 1 में बने राहत शिविर में रह रही एक 49 वर्षीय महिला उषा देवी की कल रविवार को मौत हो गई. महिला के पति अमीर चंद ने बताया कि उनका घर और सामान डूब गया, जिसका उनकी पत्नी को गहरा सदमा लगा और वह बीमार हो गई. पानी में रहने से संक्रमण भी हो गया था. कैंप में इलाज की सुविधा नहीं थी. दवा और इलाज नहीं मिलने से संक्रमण बढ़ गया और फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ने से उनकी मौत हो गई.

CM ने लिया राहत ​शिविरों में सुविधाओं का जायजा

अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी विभिन्न राहत शिविरों का दौरान करने पहुंचे. जहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों का हाल-चाल लेने के साथ राहत शिविरों में मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया. सीएम में जहां मोरी गेट का दौरा कर वहां रह रहे लोगों से बात की तो दोनों मंत्रियों ने विभिन्न राहत शिविरों का निरीक्षण किया.

बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव 

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने भी माना कि राहत शिविरों में लोगों को खाना-पानी, दवा और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलीं. शिविरों में खाना, पानी की उचित व्यवस्था नहीं होने, बिजली, पंखों नहीं होने, कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं किए जाने से नाराज मंत्री ने मौके पर एसडीएम को बुलाकर उनसे जवाब मांगा. उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि चार दिन से लोग शिविरों में हैं और क्यों अभी तक उन्हें समुचित व्यवस्था नहीं मिल पाई है. उन्होंने अधिकारियों को तुरंत शिविरों में पीड़ितों के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ कीटनाशक छिड़काव के भी निर्देश दिए.

ABP ने उठाया था कुव्यवस्था का मुद्दा 

एबीपी लाईव की टीम ने ITO के पास बने राहत शिविर से ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी, जिसमें राहत शिविरों में लोगों के रहने के लिए समुचित व्यवस्था, शौचालय  और उपयुक्त चिकित्सा सुविधा न होने का मुद्दा उठाया था. साथ ही, वहां दिए जा रहे खराब गुणवत्ता वाले खाने को लेकर भी सवाल उठाए थे, जिसे लेकर शरणार्थियों में भी काफी नाराजगी थी. बहरहाल, केर से ही सही, सरकार ने अब इनकी सुध ली है, और शायद अब उन बाढ़ पीड़ितों को सही मायने में राहत और मदद मिल पाएगी.

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