Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से बेमौसम हुई बारिश जारी है. कुछ जगहों पर गिरे ओले की वजह से दिल्ली का मौसम सुहाना हो गया है, लेकिन इस बेमौसम की बारिश के साथ ओलावृष्टि ने एक बार फिर से किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. इस बारिश और ओलावृष्टि की वजह से खेतों में तैयार गेहूं और सरसों की फसलें सहित कई सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई. दिल्ली के किसानों को लगातार बारिश ओर ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. हालत इतना बुरा है कि अगली फसल किसान अगली फसल के बारे में सोच तक नही पा रहे हैं. 

कल तक खेतों में लहलहा रहे जिन गेहूं की फसलों को देख कर किसान बेहद खुश थे और फसलों को काटकर बेचने के बाद लिया कर्ज चुकाने का सपना देख रहे थे, वह किसान आज अपनी फसलों को देख कर बेहद उदास हो गए हैं. बीते शनिवार को हुई भारी बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों के लहलहाते खेतो की फसलों को नष्ट कर दिया. आसमानी आपदा के इस कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है.

दिल्ली सरकार मुआवजे की आस

बारिश से हुए इस नुकसान के बाद अब किसानों की नजरें दिल्ली सरकार की मदद पर टिकी हैं. किसानों का कहना है कि दिल्ली सरकार की तरफ से किसानों की फसलों में हुए नुकसान की भरपाई को लेकर कोई योजना बनाए जाए. बहुत से ऐसे किसान भी है जो कर्ज लेकर फसल उगाते हैं और फसल तैयार कर मंडी में बेचकर कर्ज की भरपाई करते हैं और बचे-खुचे पैसों से अपने घर की जीवन शैली चलाते हैं. ऐसे में सरकार को किसानों को सरकार से जल्द से जल्द मुआब्जे की आस है, जिससे वो अगले फसल के लिए खुद को तैयार कर सकें.

नुकसान की भरपाई, सरकार की जिम्मेदारी

किसानों पर पड़ी इस कुदरती मार को देखते हुए किसान संगठन के नेता भी इनके साथ खड़े नजर आ रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के नेता रोजाना किसी न किसी गांव का दौरा कर फसल नुकसान के एवज में मुआवजे की मांग को लेकर किसानों से संपर्क करने में जुटे हैं. भारतीय किसान यूनियन दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह डागर ने एबीपी लाइव की टीम से अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं. हम लोग ने जल्द ही मुख्यमंत्री व उपराज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें किसानों की समस्याओं से अवगत कराएंगे. फिलहाल, हमारी प्राथमिकता मुआवजे को लेकर है. सरकार को जल्द से जल्द मुआवजे के एलान के लिए जो जरूरी प्रक्रिया है, उसकी शुरुआत करनी चाहिए. विरेंद्र संगठन के प्रतिनिधियों के साथ रोजाना हर इलाके के खेतों में पहुंच पड़ताल कर रहे हैं. खेत में गिरी गेहूं की फसल का हाल देखा तो वह हक्के-बक्के रह गए. उन्होंने देखा कि कटने वाली फसल बारिश की वजह से फिर से होने लगे अंकुरित लगे हैं. यहां जुटे किसानों का कि दिल्ली देहात के अधिकांश गांवों में गेहूं की फसल का ऐसा ही हाल है. अब जो नुकसान हुआ है उसकी पूरी भरपाई करने की जिम्मेदारी सरकार की है.

नुकसान की भरपाई के लिए राहत जरूरी

किसानों को किसान यूनियन दिल्ली प्रदेश के महासचिव दलजीत सिंह ने भी एबीपी लाइव की टीम को लगातार बेमौसम बारिश से किसानों के टूटे कमर को सरकार सीधी तो नहीं कर सकती लेकिन उसे आगे चलने लायक जरूर बना सकती है. दिल्ली ग्रामीण क्षेत्र के खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने के बाद कि तस्वीर देख आम इंसान के आंखों में आंसु आ जाएगी. दूसरी तरफ, दिल्ली व आसपास के ग्रामीण इलाकों के संगठन पालम 360 के प्रधान सुरेंद्र सोलंकी भी इन दिनों गांवों का दौरा कर फसल नुकसान के बारे में किसानों से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा पहले सरसों और अब गेहूं की फसल की वर्षा से काफी नुकसान पहुंचा है. किसान का हौसला खेती के प्रति बना रहे. इसके लिए उन्हें मुआब्जा दिया जाना जरूरी है. सोलंकी का कहना है कि इस मसले पर उन्होंने प्रदेश सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की. विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री से भी भेंट की है. उपराज्यपाल के विशेष सचिव से मुलाकात कर उन्हें हालात से अवगत कराया है. बता दें कि एक साल पहले भी बेमौसम की बारिश की वजह से दिल्ली देहात के खेतों में लगी सारी फसलें खराब हो गई थी, जिस वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था और वे कर्जे में भी डूब गए थे. ज्यादातर किसान किराए पर खेतों को लेकर, खेती करते हैं और उसके लिए भी उन्हें कर्ज लेना पड़ता है. खेती के दौरान, बीज, खाद, पानी और फसलों की देखरेख पर भी काफी खर्च आता है.

यह भी पढ़ेंः Deepak Boxer News: कौन है गैंगस्टर दीपक बॉक्सर जिसे FBI ने मैक्सिको से किया गिरफ्तार, इसके खिलाफ दर्ज हैं ये मामले



Source link