Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट (Balaghat) जिले में बागेश्वरधाम (Bageshwar Dham) सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) की कथा रुकवाने के लिए हाईकोर्ट (High Court) की शरण लेने वाले वकील को जज से जमकर लताड़ लगाई. वकील के अमर्यादित आचरण को देखते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने उन्हें जेल भेजने तक की चेतावनी दी.
बहस के दौरान वकील और जज के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई. इस नोकझोंक का वीडियो का फुटेज हाईकोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग से निकालकर अब सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. दरसअल, मध्य प्रदेश सर्व आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष दिनेश कुमार धुर्वे ने एक जनहित याचिका दायर कर बालाघाट में 23 और 24 मई को होने वाली बागेश्वरधाम सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा पर रोक लगाने की मांग की थी.
याचिका में दी गई ये दलील
याचिका में दलील दी गई थी कि यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है.आयोजन से आदिवासियों का हित प्रभावित होगा. यह दलील भी दी गई कि पेसा एक्ट के तहत आयोजन के पहले ग्राम सभा की अनुमति लेना आवश्यक है,जो कि नहीं ली गई. याचिका में आयोजन के लिए शासन-प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था के इंतेजाम को भी अवैधानिक बताया गया. राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जान्हवी पंडित ने दलील दी कि पेसा एक्ट में ग्राम सभा की अनुमति की अनिवार्यता नहीं है.
@bageshwardham की बालाघाट में कथा रोकने वाली याचिका पर अमर्यादित ढंग से बहस कर रहा था वकील,#MPHighCourt के जज ने लताड़ लगाते हुए अवमानना में जेल भेजने की दी चेतावनी@abplive @brajeshabpnews @Manish4all pic.twitter.com/wwLcnBrKBD
— AJAY TRIPATHI (ABP NEWS) (@ajay_media) May 23, 2023
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याचिकाकर्ता के वकील ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल के सामने अपने तर्क पेश करते हुए कहा कि जिस जगह पर राम कथा का आयोजन किया जा रहा है, वह आदिवासी समाज के देवता बड़ा देव का पूजा स्थल है. इस स्थान पर राम कथा के आयोजन से आदिवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है.
जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिकाकर्ता से पूछे सवाल
मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिकाकर्ता के एडवोकेट जीएस उडवे से कुछ सवाल किए तो उन्होंने अमर्यादित तरीके से जज पर ही उंगली उठा दी. इस दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल और एडवोकेट में जमकर नोकझोंक हुई. गुस्से में जस्टिस विवेक अग्रवाल ने एडवोकेट को अवमानना मामले में जेल भेजने की चेतावनी भी दी. अंत में याचिका को खारिज कर दिया गया.