पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के अलग-अलग बयानों से सियासी गलियारे में इन दिनों अलग-अलग तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं. जीतन राम मांझी एक तरफ कहते हैं कि वह किसी कीमत पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का साथ नहीं छोड़ेंगे. वहीं दूसरी तरफ झटका देने वाला बयान भी दे देते हैं. ऐसे में क्या समझ जाए कि जीतन राम मांझी एक तरफ यारी तो दूसरी ओर झटका देने की तैयारी कर रहे हैं?

दरअसल, रविवार (16 अप्रैल) को जीतन राम मांझी ने पटना के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में ऐसा बयान दिया है कि बिहार के सियासी गलियार में बवाल मच सकता है. मांझी ने कहा कि हम महागठबंधन में हैं. हम पर बहुत दबाव है. स्पष्टता हमारी कमजोरी रही है. दबाव ऐसा है कि सभी ये कह रहे हैं कि मेरे साथ चले आइए. कहा कि नीतीश कुमार ने पूर्णिया की रैली में चिल्ला-चिल्ला कर कहा कि मांझी जी कहीं नहीं जाइए. यहीं आपको सब कुछ देंगे.

नीतीश कुमार के खिलाफ होने वाला है अनशन?

आगे कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने कहा कि हम लोगों को निर्णय लेना होगा. निर्णय की घड़ी आ चुकी है. कुछ लोगों का कहना है कि मेरी पार्टी का विलय हो जाए, लेकिन हमारे कार्यकर्ता नहीं चाहते हैं कि किसी में विलय हो. मांझी ने यह भी कहा कि सचिन पायलट जब अशोक गहलोत के खिलाफ अनशन कर सकता है तो जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के खिलाफ अनशन नहीं कर सकता है क्या?

‘आंदोलन करना पड़े तो कोई बुराई नहीं’

हम नेता ने कहा कि बिहार में इंदिरा आवास में भ्रष्टाचार है. नीतीश कुमार एक कमेटी बनाकर जांच कराएं कि कितने लोगों को आवास मिला. अगर इस मुद्दे पर आंदोलन करना पड़े तो इसमें कोई बुराई नहीं. सक्षम लोगों का राशन कार्ड बना है. इस मीटिंग के जरिए आंदोलन का निर्देश दे रहे.

जीतन राम मांझी ने दूसरी ओर यह भी कहा कि हम नीतीश कुमार के साथ रहेंगे ये संकल्प लिया है. दिल्ली में उनकी नीतीश कुमार से मुलाकात हुई. उन्होंने उनसे कहा कि वह उनके साथ हैं. उनसे यह भी कहा कि आपने (नीतीश) मुझे धोखा दिया. दो विभाग हमें मिलना था, लेकिन हमें एक मिला. इसके बाद भी हम उनके साथ हैं. 

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