Jodhpur News: जांको राखे साईयां मार सके ना कोई. ये कहावत तब चरितार्थ होती दिखी जब मंगलवार (20 जून) को जोधपुर (Jodhpur) में एक छात्रा आत्महत्या (Suicide) करने के लिए रेलवे ट्रैक पर सो गई, लेकिन उसको जरा भी खरोंच नहीं आई.
दरअसल ये पूरा मामला जोधपुर के बीजेएस क्षेत्र के रेलवे ट्रैक पर देखने को मिला, जहां ट्रेन के आते ही छात्रा आत्महत्या करने के लिए रेलवे ट्रैक के पटरियों के बीच में लेट गई. ट्रेन के लोको पायलट ने छात्रा को ट्रैक पर लेटते हुए दूर से ही देख लिया था, जिसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन का पावर ब्रेक लगा दिया.
ट्रेन के लोको पायलट ब्रेक लगाने के बाद जब तक ट्रेन रुकती, आधे से अधिक ट्रेन उस छात्रा के ऊपर से एक- एक करके गुजर चुकी थी. ट्रेन रुकने के बाद लोको पायलट और यात्रियों ने आनन- फानन में छात्रा को ट्रेन के नीचे से बाहर निकाला. आत्महत्या की नियत से ट्रेन के ट्रैक पर लेटने वाली छात्रा को एक खरोंच तक नहीं आई. ये देख कर वहां मौजूद लोग दंग रह गए.
छात्रा को रेलवे ट्रेक से उठाने के लिए लोको पायलट और मौके पर मौजूद लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी, वह ट्रैक से उठना नहीं चाह रही थी और लगातार आत्महत्या करने की जिद पर अड़ी हुई थी.
छात्रा से पुलिस कर रही है पूछताछ
लोको पायलट ने मौके पर मौजूद लोगों की मदद से छात्रा को जबरदस्ती ट्रेन के नीचे से खींच कर बाहर निकाला और उसे महामंदिर पुलिस के सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने छात्रा के परिजनों को बुला कर उससे आत्महत्या के कारणों की पूछताछ कर रही है. इस संबंध में जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट ईस्ट के महामंदिर पुलिस थानाधिकारी मुक्ता पारीक ने बताया कि छात्रा रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने पहुंची थी. छात्रा भोपाल की रहने वाली है और पाली के एक नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रही है.
छात्रा का पहचान बताने से किया इनकार
महामंदिर पुलिस थानाधिकारी मुक्ता पारीक ने बताया कि नर्सिंग स्टूडेंट जोधपुर कैसे आई? किस कारण वे लगातार आत्महत्या के लिए अड़ी हुई है. इस बारे में छात्रा से पूछताछ की जा रही है. फिलहाल वह काफी घबराई हुई है और कुछ भी नहीं बता रही है. वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है. उन्होंने बताया कि छात्रा के परिजनों को सूचित कर दिया गया है. परिजनों ने बताया कि उन्हें नहीं मालूम कि उनकी छात्रा पाली के किस कॉलेज में पढ़ रही थी और जोधपुर कैसे आई है. थानाधिकारी मुक्ता पारीक ने छात्रा की पहचान बताने से इनकार करते हुए कि, छात्रा के परिजनों ने बदनामी के डर से पहचान उजागर करने से मना किया है.
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