कोटा में स्थापित भवन, हवेलियां और स्मारक आज भी इतिहास को संजोए हुए हैं और युवाओं को आजादी के पर्व का सही मायनों में अर्थ समझा रहे हैं. कोटा में रामपुरा कोतवाली, पीपल का पेड़ या फिर महात्मा गांधी स्कूल, राजभवन रोड स्थित हवेली, कलक्ट्रेट चौराहा, कैथूनीपोल दरवाजा, ज्वाला तोप, घास की बागर, सूरजपोल दरवाजा, राजकीय महाविद्यालय आजादी की जंग के साक्षी बनकर खड़े हुए हैं. 1857 की क्रांति में कोटा के क्रांतिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.



Source link