Rajasthan New District: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में लंबे समायन से इंतजार में रही नए जिलों के गठन की मांग को पूरा कर दिया. अब राजस्थान 50 जिलों का प्रदेश बन गया. बनने से पहले तो काफी विरोध हुआ लेकिन अब बनने के बाद भी विरोध के स्वर नहीं रुक रहे हैं.
इसी बीच उदयपुर से अलग होकर नया जिला बना सलूंबर में वागड़ के डूंगरपुर जिले की आसपुर क्षेत्र (आसपुर विधानसभा) को सलूंबर में शामिल नहीं किया. इस बात का विरोध हो रहा है. बड़ी बात तो यह है कि अब तक विरोध भाजपा या आम आदमी करते आए हैं, लेकिन यहां कांग्रेस के ही नेता कांग्रेस पदाधिकारियों के खिलाफ बोल रहे हैं. जानिए क्या मामला है आसपुर क्षेत्र का मामला.
हजारों की संख्या में शामिल करने की मांग के लिए जुटे थे लोग
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सलूंबर को जिला घोषित किया था लेकिन सीमांकन के पहले बड़ी संख्या में आसपुर क्षेत्र या कहे विधानसभा के लोग सलूंबर पहुंचे थे. संख्या भी हजारों में थी. रैली निकलते हुए सलूंबर पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था. वजह बताई थी कि आसपुर क्षेत्र सलूंबर से पास पड़ता है जबकि डूंगरपुर से दूर हैं. ऐसे में सलूंबर में शामिल किया जाए. लेकिन सीमांकन हुआ उसमें आसपुर को नहीं छेड़ा गया यानी वह यथास्थिति के रूप में डूंगरपुर जिले ने ही रही.
राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता, पूर्व सांसद और कांग्रेस स्टेयरिंग कमेटी के सदस्य रघुवीर सिंह मीणा सलूंबर क्षेत्र से ही आते हैं. एबीपी ने जब आसपुर मुद्दे पर उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि आसपुर को सलूंबर ने शामिल करने के लिए हजारों की संख्या में लोग सलूंबर आए.
आज भी 90% लोग यही चाहते हैं कि आसपुर को सलूंबर में शामिल किया जाए. आसपुर की जनता के साथ अन्याय हुआ है. लेकिन कुछ लोगों ने राजनीतिक कर वहां की जनता के साथ अन्याय किया और शामिल नहीं होने दिया. इस पर पूछा की सरकार आपकी ही है, तो उन्होंने कहा कि हमारे वाली ने ही ऐसा किया है. सीएम अशोक गहलोत के पास बात पहुंचा दी है.