PayTm: विजय शेखर शर्मा का कभी कॉलेज में उड़ाया जाता था मजाक, आज है करोड़ों की कंपनी पेटीएम के मालिक

ऐसे हुई पेटीएम की शुरुआत
विजय ने देखा कि छोटे से छोटे काम के लिए भी चिल्लर की आवश्यकता होती है. जैसे किराने वाले को भुगतान करना हो तो कैश, ऑटो वाले को पैसे देना है तो कैश. इसीलिए उन्होंने एक एप बनाने के बारे में सोचा, जिससे कैश की समस्या लगभग ख़त्म हो जाए. साल 2010 में उन्होंने पेटीएम की नींव रखी. जिसके माध्यम से पहले डीटीएच और पोस्टपेड रिचार्ज किये जाते थे. धीरे-धीरे इसमें नई सुविधाएं जोड़ी गई. फिर कई प्रकार के बिलों का भुगतान होने लगा. और अब हर प्रकार के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन इस एप के माध्यम से किये जाते हैं.

साधारण से परिवार में जन्मे और अंग्रेजी के कारण लोगों के मजाक के पात्र बने विजय आज करोड़ों की कंपनी के मालिक हैं. साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद कंपनी को बड़ा मुनाफ़ा हुआ और सरकार ने डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया, जिससे कि कंपनी को आगे बढ़ने में और सहायता मिली. विजय कभी जिस फ़ोर्ब्स मैगजीन को खरीद पाने की स्थिति में नहीं होने के कारण उसकी पुरानी प्रतियाँ पढ़ते थे उसी में साल 2017 में उन्हें यंग बिलिनेयर की सूची में रखा गया. उन्होंने हमेशा प्रयास किया और हालातों से लड़कर आगे बढ़े. इसीलिए आज वे करीब 100 करोड़ डॉलर के मालिक हैं.