करीब 10 साल पहले क्वार्सी चौराहा के निकट वरुण ट्रामा सेंटर की स्थापना हुई। यह एटा, कासगंज, हाथरस, सहित अन्य जिलाें में पहला ट्रामा सेंटर था, जिसमें माड्यूलर ओटी, आपरेटिंग माइक्रो स्क्रेप सर्जरी आदि की सुविधा दी गई। न्यूरो सर्जन, कार्डियोलाजिस्ट, हड्डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन, बाल रोग एवं स्त्री रोग सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओपीडी सुविधा है। देश के नामचीन कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. अंशुमन कुमार धर्मशिला से माह में दो दिन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सेंटर का संचालन डा. संजय भार्गव व डा. मणि भार्गव कर रहे हैं।

कोरोना काल में बचाई जिंदगी

कोरोना संकट में प्रशासन ने वरुण हास्पिटल व वरुण ट्रामा सेंटर को कोविड सेंटर बनाया। दूसरी लहर में सामान्य मरीजों के अलावा काफी गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित हुई। यहां जच्चा-बच्चा की जिंदगी बचाई गई। 1500 मरीजों को होम आइसोलेशन में उपचार दिया

पहली आइसीयू एंबूलेस की दी सुविधा

वरुण हास्पिटल की स्थापना अब से 24 साल पहले की गई थी। वर्ष 2007 में पहली आइसीयू युक्त एंबूलेस की सुविधा दी। पहली डायलिसिस यूनिट की स्थापना की गई।

राज्यपाल ने किया है सम्मानित

डा. संजय भार्गव अंतरराष्ट्रीय संस्था स्माइल ट्रेन के अलीगढ़ में पार्टनर हैं। भार्गव दंपत्ति ने वर्ष 2008 से अब तक आठ हजार से अधिक बच्चों के जन्मजात कटे होठ व तालू का फ्री आपरेशन किया। ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर निश्शुल्क परामर्श, दवा व हास्पिटल में आपरेशन भी कराए जाते हैं। तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक व केंद्रीय स्वस्थ्य राज्यमंत्री अनुराधा पटेल भी भार्गव को सम्मानित कर चुके हैं। टीम में डा. अलका मित्तल, डा. अजय मित्तल, डा. अंशुल वाष्र्णेय, डा. अथर कमाल आदि हैं। यह हास्पिटल 200 लोगों को रोजगार देता है।